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Showing posts from July, 2020

Hazrat Muslim Bin Aqeel Shehzadon Ki Shahadat

9 zilhajj Yaum e Shahadat Hazrat Muslim bin Aqeel ..

9 ज़िल्हज यौमे शहादत सफ़ीर ए कर्बला हज़रत सय्यदना मुस्लिम बिन अक़ील हज़रत सय्यदना इमाम हुसैन के चचा ज़ात भाई थे कूफ़ा वालो के बार बार बुलाने पर मौला इमाम हुसैन ने पहले जनाब मुस्लिम को कूफ़ा भेजा ताकि वहां के माहोल की सही ख़बर मिल सके हज़रते मुस्लिम अपने साथ अपने दोनों बेटे 1 . मोहम्मद इब्ने मुस्लिम 2 . इब्राहीम इब्ने मुस्लिम को भी कूफ़ा ले कर गए आप 5 शव्वाल 60 हिजरी को कूफ़ा पहुंचे कूफ़ा वालो ने बड़ी ही गर्मजोशी के साथ उनका इस्तेक़बाल किया और चंद ही घंटो में जनाब ए मुस्लिम के हाथ पर दसयों हज़ार कूफ़ियों ने मौला इमाम हुसैन की बैत कर ली बैत होने वालो का हुजूम इस तरह उमड़ा की जैसे कोई सैलाब जब तकरीबन 40,000 से ज़्यादा लोगो ने मौला इमाम हुसैन से वफ़ादारी का अहेद कर लिया तब जनाब ए मुस्लिम ने ख़त के ज़रिए मौला हुसैन को ये पैगाम भेजा की आप यहाँ तशरीफ़ ले आईये जब ये ख़बर यज़ीद लानती तक पहुंची तो वो घबरा गया उसने उस वक़्त कूफ़ा के गवर्नर नोमान इब्ने बशीर को हुक्म दिया की जनाब ए मुस्लिम को नज़रबंद कर लो और उन्हें कही पर भी ख़ुत्बा न देने दो मगर नोमान इब्ने बशीर ने जनाब ए मुस्लिम पर किसी भी तरह की सख़्ती करने से इंकार कर दिया

Farman e Mawla Ali Alahissalam

अखलाक का अच्छा होना खुदा से मोहब्बत की दलील है (मौला अलीع)…. सोने और चांदी की हिफाज़त करने के बजाए, अपनी जुबान की हिफाज़त करो (मौला अलीع)…

Hadith मोहब्बत_ए_रसूल_सल्लल्लाहु_अलैहि_वसल्लम

मोहब्बत_ए_रसूल_सल्लल्लाहु_अलैहि_वसल्लम: ◆1) जिस ने मुझ से मोहब्बत की उस ने अल्लाह से मोहब्बत की…. [हाकिम – सहीहैन: 4776] ◆2) जिस ने मुझ से मोहब्बत की वह जन्नत मे मेरे साथ होगा… [तिर्मिज़ी: 2621] ◆3) अल्लाह की मोहब्बत की ख़ातीर मुझ से मोहब्बत करो… [तिर्मिज़ी: 3722] ◆4) तुम मे से कोई भी उस वक़्त तक मोमीन नही हो सकता, जब तक मैं उस के नज़दीक उस की अपनी जान से भी ज़्यादा महबुब न हो जाऊं… [अहमद: 18047] ◆5) तुम मे से कोई भी उस वक़्त तक मोमीन नही हो सकता, जब तक मैं उस के नज़दीक उस के वालदैन, उस की औलाद और तमाम लोगों से ज़्यादा महबुब न हो जाओ… [बुखारी: 15] ◆6) कोई बन्दा उस वक़्त तक मोमीन नही होता,जब तक उस को मेरी मोहब्बत उस के घर वालों, माल व दौलत और सब लोगों से ज़्यादा न हो…. [मुस्लिम: 168] ◆7) आदमी [क़यामत के दिन] उसी के साथ होगा, जिस से उस ने [दुनिया मे] मोहब्बत की होगी… [मुस्लिम: 6710]

HADEES SHAREEF SHAJAR WA HAJAR KA HUZOOR

بسم اللہ الرحمن الرحیم الصلوٰة والسلام علیک یا رسول اللہ ﷺ SHAJAR WA HAJAR KA HUZOOR علیہ السلام KO SALAAM KARNA.. HADEES SHAREEF TIRMIZI__DAARMI Hazrat Ali رضی اللہ عنہ Se Riwayat Hain Key Ham Nabi-e-Kareem صل اللہ علیہ وسلم Ke Saath Makkey mukarrama ke Aas paas gaye to jo Darakht ya patthar aapkey Saamney Aata Wo Kehta Assalamu Alaika Ya Rasool ALLAH..

Zabur me likha hua tha..

Yaum e Arfaa ki Fazilat

* *यौमे अरफा:- 9 ज़िलहिज्जा को अरफा का दिन कहते हैं। ग़ैर हाजी के लिए इस दिन रोज़े की बहुत फज़ीलत है। मैदाने अरफात में यौमे अरफा का रोज़ा रखना मना है और दूसरी जगह में इस दिन रोज़ा रखना बहुत बड़ा सवाब है।* *हज़रत अबू हुरैरा رضی اللہ عنہ ब्यान करते हैं कि रसूलुल्लाह صلی اللہ علیہ وسلم ने मैदाने अरफात में यौमे अरफा का रोज़ा रखने से मना फ़रमाया है।* *अबू कतादा رضی اللہ عنہ से रवायत है कि रसूलुल्लाह صلی اللہ علیہ وسلم से यौमे अरफा के रोज़े के बारे में पूछा गया तो आपने फरमाया यह गुज़रे हुए साल और आने वाले साल के गुनाहों का कफ्फारा बन जाता है।* *हदीस सहीह में है कि रसूलुल्लाह صلی اللہ علیہ وسلم ने फरमाया अरफा का दिन दिनों में सबसे अफ़ज़ल है और जब यह दिन जुमा का हो तो यह (उस साल का हज) 70 हजों से अफ़ज़ल है।* *अरफा को अरफा इसलिए कहा जाता है कि हज़रत इब्राहिम علیہ السلام ने जिब्राईल علیہ السلام को इस सवाल के जवाब में  फरमाया कि : ھل عرفت ما رائیتک ؟ قال نعم* *(क्या तुम जान गए जो मैंने सिखाया? तो फरमाया: हां) और यह गुफ्तगू अरफात के मैदान पर हुई इसलिए अरफात का नाम भी इसी वजह से अरफात पड़ गया।* *उम

Qurbani_ki_Haqiqat

Qurbani_ki_Haqiqat   Qurbani ki Haqiqat Jaan’ne, Samjhne ke Liye Sabse Pehle Hameñ Ye Jaan Lena Chahiye ke Qurbani Lafz Arabi Lafz “QURB(NAZDEEK)” Se Aaya Hai.., Jiska Seedha Sa Matlab Hai, Allah ki Nazdeeki Haasil Karna.., Aam Tour Me Muslamano ke Nazdeek Qurbani Ye Hai ke Apne Maal ki Halaal Kamayi Me Se Ek Jaanwar Zibaah Karna Aur Us’ko Takseem Karna.., Lekin Kya Haqiqat Me Allah Ne Jaanwaroñ ki Qurbani Maangi Hai??? _ Quraan Me (Surah Hajj, Ayat No.37) Me Aata Hai ke “Allah Ta’ala ko Qurbanioñ ke Ghosht Nahi Pohanchte Aur Na Hee Khoon, Balke Usey Tou Tumhare Dil ki Parhezgaari Pohanchti Hai” _ Jaanwaroñ ki Qurbani Se Allah khush Nahi Hota Aur Na hee Us Tak Qurbani ka Ghosht Aur Khoon Pohanchta Hai.., Tou Fir Allah Ne Kis Cheez ki Qurbani Maangi Hai..? Hazrat Ibrahim۴ Se Jab Allah Ne Farmaya ke Rah-e-Khuda Me Apni Sabse Keemti Cheez ki Qurbani Pesh Karo Tou Hz. Ibrahim۴ Ne Khuda ki Iss Azmaishi Hukm ke Tahet Apni Sabse keemti Cheez Yani Apni Aulaad Ismail ۴ ko Rah-e-Khuda Me Qurbaan

Hadith Bukhari 6436

Hadith Behtareen Dua Arfeh keBehtareen Dua Arfeh ke

Rasoolullah Sallallahu alaihi wasallam ne farmaya: Behtareen Dua Arfeh ke Din ki Dua Hai, Kya hi khoob hai Jo Maine Padhi aur Mujh se Qabl Paigahmbaron ne Padhi. ( Wo ye hai) “LA ILAHA ILLALLAHU WAHDAHU LA SHARIKA LAH, LAHUL MULKU WA LAHUL HAMD, WAHUWA ALA KULLI SHAI IN QADEER” [ Tirmizi, 3585 ]

8 zilhajj Aagaaz e Safar e Karbala

Hadith on Tanha ghair aurat

मकड़ी_की_आरज़ू

*#मकड़ी_की_आरज़ू* जब रसूलुल्लाह صلی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہٖ وسلّم ग़ारे सौर में दाखिल हुए तो जिब्राईल علیہ السلام ने अर्ज़ किया: “खुदाया मुझे इजाज़त दे ताकि मैं जाकर अपने परों से ग़ार को बल्कि उस पहाड़ी को ही छुपा दूं-” खिताब हुआ: “ऐ जिब्राईल हक़ीक़ी सत्तार मैं ही हूं- मेरे कमाले क़ुदरत का तक़ाज़ा है कि इस काम को मैं अपनी कमज़ोर तरीन मख़्लूक़ के ज़रिए अंजाम दिलवाऊं-” कमज़ोर मकड़ी को मुक़र्रर किया और उसे हिफाज़त के लिए भेजा- जब मकड़ी को हुक्मे खुदावंदी पहुंचा उसने उसी वक़्त सज्दा ए शुक्र अदा किया- अल्ल्लाह तआला का हुक्म हुआ कि: “जाकर पर्दा तान दे और मक्खी पर क़नाअत कर लेकिन हिम्मत बलंद रखना- हम एक रोज़ क़ाफे क़ुर्ब के सीमुर्ग (एक ख्याली परिंदा जिसका वतन कोहे क़ाफ बताया जाता है) को तेरे जाल में लाएंगे-” इस उम्मीद पर सात सौ बरस उस ग़ार के मुंह पर बैठी इंतज़ार करती रही- चुनांचा रात को आराम था ना दिन को चैन- यहां तक कि उस रात आक़ा ए रहमत صلی اللہ تعالیٰ علیہ واٰلہٖ وسلّم उस ग़ार के दहाने पर पहुंचे- मकड़ी ने हुज़ूर صلی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہٖ وسلّم की तरफ इशारा करके कहा: “मुझ कमज़ोर को आप صل

Qayamat Ke Din Huzoor ﷺ Ka Maqaam

जहां मुहब्बत होती है वहां जंग नहीं होती | jang wahi hoti hai jaha nafrat hoti hai |

Hadith on 9 zil hajj ka Roza

*हदीस* – हुज़ूर सल्लललाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि अरफा यानि 9वीं ज़िल्हज्ज का रोज़ा अगले व पिछले 1 साल के गुनाहों का कफ्फारा है  मुस्लिम,जिल्द 1,सफह 819

Adab-e-Fatima Zahra Ahadees Ki Roshni Main

Yaume Shahadat Hazrat Syedna Mola Imaam Muhammad Baqar (Alaihis Salam)

आपका नाम मुहम्मद व आपका मुख्य लक़ब बाक़िरूल उलूम है। हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम का जन्म सन 57 हिजरी में रजब महीने की पहली तारीख़ को पवित्र शहर मदीना में हुआ था। हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम सज्जाद ज़ैनुल आबिदीन अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रत फ़ातिमा पुत्री हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम हैं। इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम का पालन पोषण तीन वर्षों की आयु तक आपके दादा इमाम हुसैन व आपके पिता इमाम सज्जाद अलैहिमुस्सलाम की देख रेख में हुआ। जब आपकी आयु साढ़े तीन वर्ष की थी उस समय करबला की घटना घटित हुई। तथा आपको अन्य बालकों के साथ क़ैदी बनाया गया। अर्थात आप का बाल्य काल विपत्तियों व कठिनाईयों के मध्य गुज़रा। इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम ने अपनी इमामत की अवधि में शिक्षा के क्षेत्र में जो दीपक ज्वलित किये उनका प्रकाश आज तक फैला हुआ हैं। इमाम ने फ़िक़्ह व इस्लामी सिद्धान्तों के अतिरिक्त ज्ञान के अन्य क्षेत्रों में भी शिक्षण किया। तथा अपने ज्ञान व प्रशिक्षण के द्वारा ज्ञानी व आदर्श शिष्यों को प्रशिक्षित कर संसार के सन्मुख उपस्थित किया। आप अपने समय में सबसे बड़

The Explanation of Everything: Quran “Tafseelu Kulli Shaye”

Adab-e-fatima Ke Taqazy Aur Sehi Aqeeda Ke Lawazmaat

Hadith on Ahele bait

Sayyeduna Imam Hasan Alaihissalam Apne Nanajaan se Riwayat karte hain ke Aap SallAllahu Alaihi wa Aalihi wa Sallam ne farmaya: “Hum Ahle Bayt ki Muhabbat aur Shafaqat paane keliye mehnat karo aur isko apne upar hamesha farz jaano. Haqiqat ye hai ke jo bhi Allah Ta’ala se mile is haal me ke wo Hamse Muhabbat karta ho, to wo Meri Shafa’at se Jannat me jayega. Us Zaat ki Qasam Jiske Qabza-e-Qudrat me Meri Jaan hai, kisi shakhs ko uski koi neki kaam nahi aayegi agar wo Hamara Haq ada na kare!” [Imam Jalaluddin Siyuti Rehmatullah Alaih ne apni Kitab Ihya al Mayyit bee Fazail-e-Ahle Bayt me is Hadees ko Riwayat kiya aur farmaya ke Is Hadees ko Imam Tabrani ne bhi Mujam al Awsat me riwayat kiya hai.] Allahumma Salle Ala Sayyedina wa Maulana Muhammadi Nin Nabiyyil Ummiyyil Habibil Aalil Qadril Azeemil Jaahi wa Ala Aalihi wa Sahbihi wa Baarik wa Salli

तुर्की_की_तरफ़_से_आख़िर_क्या_बड़ा_होने_वाला_है❓

मेहनत_से_लिखा_है_ध्यान_से_पढें : #तुर्की_की_तरफ़_से_आख़िर_क्या_बड़ा_होने_वाला_है #2023_से_इस्लाम_के_दुश्मन_क्यूँ_डर_रहे_हैं 2023 को समझने के लिए हमें 100 साल पीछे यानी 1923 मे जाना पड़ेगा.. #ये_कहानी शुरू होती है 1914 से जब फस्ट वर्ल्ड वाॅर यानी पहली जंगे अज़ीम शुरू हुई थी फस्ट वर्ल्ड वाॅर का ख़ातमा हुआ तो उस वक़्त करोड़ो लोग अपनी जान गंवा चुके थे  लिहाज़ा उसका ख़ात्मा होने के साथ-साथ #इस्लामी_दुश्मन मुल्कों को ऐसा मौक़ा मयस्सर हुआ कि उन लोगों ने मुसलमानों की सबसे बड़ी रियासत और सबसे लंबे वक़्त चलने वाली हुक़ूमत  जिसे हम खिलाफ़ते उस्मानिया यानी सल्तनत उस्मानिया के नाम से जानते हैं उसे ख़त्म कर दिया । #लिहाज़ा_इतनी बड़ी रियासत और इतनी मज़बूत हुक़ूमत को ख़त्म करना इतना आसान नहीं था इसके लिए उन्होंने बहुत पहले साज़िशें करनी शुरू की हुई थी, ख़िलाफ़त ए उस्मानिया के अंदर अपने ही ग़द्दार और अपने जासूसों को बैठा रखा था #एर्रतगुल_ग़ाज़ी सीरियल देखने वाले ये अच्छी तरह जान चुके होंगे की उस दौर का माहौल क्या होता था जब हमारी सल्तनत होती थी तो उसे ख़त्म करने के लिए और उसको कमज़ोर करने के लिए हमारे जितने भी दुश्