* *यौमे अरफा:- 9 ज़िलहिज्जा को अरफा का दिन कहते हैं। ग़ैर हाजी के लिए इस दिन रोज़े की बहुत फज़ीलत है। मैदाने अरफात में यौमे अरफा का रोज़ा रखना मना है और दूसरी जगह में इस दिन रोज़ा रखना बहुत बड़ा सवाब है।* *हज़रत अबू हुरैरा رضی اللہ عنہ ब्यान करते हैं कि रसूलुल्लाह صلی اللہ علیہ وسلم ने मैदाने अरफात में यौमे अरफा का रोज़ा रखने से मना फ़रमाया है।* *अबू कतादा رضی اللہ عنہ से रवायत है कि रसूलुल्लाह صلی اللہ علیہ وسلم से यौमे अरफा के रोज़े के बारे में पूछा गया तो आपने फरमाया यह गुज़रे हुए साल और आने वाले साल के गुनाहों का कफ्फारा बन जाता है।* *हदीस सहीह में है कि रसूलुल्लाह صلی اللہ علیہ وسلم ने फरमाया अरफा का दिन दिनों में सबसे अफ़ज़ल है और जब यह दिन जुमा का हो तो यह (उस साल का हज) 70 हजों से अफ़ज़ल है।* *अरफा को अरफा इसलिए कहा जाता है कि हज़रत इब्राहिम علیہ السلام ने जिब्राईल علیہ السلام को इस सवाल के जवाब में फरमाया कि : ھل عرفت ما رائیتک ؟ قال نعم* *(क्या तुम जान गए जो मैंने सिखाया? तो फरमाया: हां) और यह गुफ्तगू अरफात के मैदान पर हुई इसलिए अरफात का नाम भी इसी वजह से अरफात पड़ गया।* *उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा رضی اللہ عنہا बिंते हज़रत अबू बकर رضی اللہ عنہ की एक हदीस सही मुस्लिम में मज़कूर है कि आप ने फरमाया: “अल्लाह अरफा के दिन से ज़्यादा किसी दिन बंदों को जहन्नम से आजाद नहीं करता है”।* *अरफा के दिन का रोज़ा बहुत सवाब का बाईस है और हदीस में इसकी बहुत फजीलतें ब्यान की गई हैं।*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ* *اَللّٰهُمَّ صَلِّ عَلٰى سَيِّدِنَا وَ مَوْلَانَا مُحَمَّدٍ وَّ عَلٰى اٰلَهٖ وَ اَصْحَابِهٖ وَ عَلىٰ سَيِّدِنَا وَ مُرْشِدِنَا وَ مَحْبُوْبِناَ حَضْرَتِ رَاجْشَاهِ السُّونْدَهَوِيِّ وَ بَارِكْ وَ سَلِّمْ۞* Al-Qur’an:-“Beshak Jhoot Bolne Walo Par Allah Ki Laanat Hai. Reference (Surah Aal-e-Imran 3:61) Hadees No:- 1 “Nabi-e-Kareem (ﷺ) Farmate Hai:-“Jhoot Se Bacho! Bilashuba Jhoot Gunah Ki Taraf Le Jata Hai,Aur Gunah Jahannum Me Pahunchaane Wala Hai.” Reference (Sunan Abi Dawud 4989-Sahih) Hadees No:- 2 “Bahut Saare Log Muh Ke Bal Jahannum Me Phenk Diye Jaayenge, Sirf Apni Zuban (Jhooth) Ki Wajah Se. Reference (Tirmizi Shareef) Hadees No:- 3 “Nabi-e-Kareem (ﷺ) Farmate hai:- “Main Zamanat Deta Hu Jannat ke Darmiyaan 1 Ghar ki, Us Shaksh Ko Jo Mazak Me Bhi Jhoot Na Bole.” Reference (Sunan Abu Dawood 4800) Hadees No:- 5 “Laanat Aur Halaqat Hai Us Shaksh Ke Liye Jo Logo Ko Hasane Ke Liye Jhoot...
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