जो अज़ार टखनों के नीचे है वो जहन्नम में है_* *📕 बुखारी,जिल्द 7,हदीस 678* *📕 अत्तरगीब वत्तर्हीब,जिल्द 3,सफह 88* *📕 सुनन कुबरा,जिल्द 2,सफह 244* *_अल्लाह उस पर रहमत की नज़र नहीं फरमायेगा जो अपने कपड़ो को लटकाता है_* *📕 बुखारी,जिल्द 7,हदीस 679* *_एक शख्स नमाज़ पढ़ रहा था जिसकी अज़ार टखनों से नीचे थी तो हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने उसको बुलाया और फरमाया कि जाकर फिर से वुज़ू कर और नमाज़ पढ़ कि तेरी नमाज़ नहीं हुई_* *📕 अबू दाऊद,जिल्द 1,सफह 100* *_यहां हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का मकसद सिर्फ उसको तम्बीह करना था वरना नमाज़ इस सूरत में भी हो जाती है,जैसा कि दूसरी हदीसे पाक में है कि_* *_जब हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने ये फरमाया कि जिसकी अज़ार टखनों के नीचे है तो वो जहन्नम में है तो हज़रत अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु अर्ज़ करते हैं कि या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अगर मैं अपनी तहबन्द का खास ख्याल ना रखूं तो अक्सर वो टखनों के नीचे ही रहती है तो हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि ऐ अबू बक्र तुम उनमें से नहीं हो जो तकब्बुर से ऐसा करते हैं_* *