*टिड्डी-अल्लाह का लश्कर*
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*टिड्डी* - इसे अरबी में अलजराद और इंग्लिश में लोकस्ट कहते हैं,इसकी 2 किस्म होती है एक तो दरियाई और दूसरी सहरायी,अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त क़ुर्आन में इरशाद फरमाता है कि
📕 पारा 27,सूरह क़मर,आयत 7
*टिड्डी* - टिड्डी अल्लाह का लश्कर हैं और इनके सीनों पर ये इबारत लिखी हुई है *नहनू जुंदल्लाहिल आज़म* यानि हम अल्लाह का अज़ीम लशकर हैं,एक मर्तबा एक टिड्डी हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसललम की बारगाह में हाज़िर हुई और कहती है कि हम 99 अंडा देते हैं अगर 100 हो जायें तो पूरी दुनिया को खा जायें,हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसललम अपने सहाबा से फ़रमाते हैं कि ये अल्लाह का लश्कर हैं लिहाज़ा इन्हें क़त्ल न करो,मतलब ये कि इन्हें युंही न मारो हां अगर नुक्सान पहुंचायें तो मार सकते हैं
*टिड्डी* - मौला अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसललम इरशाद फरमाते हैं कि अल्लाह जब किसी कौम को आज़माईश में मुब्तिला करना चाहता है तो टिड्डियों को भेज देता है,एक मर्तबा हज़रते उमर फारूक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के ज़माने में टिड्डियां गायब हो गयीं तो आप ग़मगीन हो गए और उनकी तलाश शुरू कर दी,बिल आखिर उन्हें कहीं से ढूंढ लाया गया तो आप को सुकून मिला,लोगों ने जब माजरा पूछा तो फरमाया कि अल्लाह ने 1000 मख्लूक़ को पैदा फरमाया है जिनमे से 600 दरिया में 400 खुशकी में आबाद हैं मगर जब भी अल्लाह किसी मख्लूक़ को फना करना चाहेगा तो पहले टिड्डियों को फना करेगा फिर बाक़ी मख्लूक़ को इसीलिये उनके न मिलने पर मैं ग़मगीन हुआ कि कहीं उनपर फना का हुक्म तो नहीं आ गया
*टिड्डी* - जब ये अंडे देने का इरादा करती है तो सख्त और बंजर ज़मीन तलाश करती है कि जहां इंसान का गुज़र न हो फिर ज़मीन में सुराख करके अंडे दे देती है,और अंडे वही पड़े पड़े ज़मीन की गर्मी से ही बच्चे निकाल देती है,बच्चों को अरबी में अलदबी और जब कुछ बड़ी हो जाए और पर निकल आयें तो उन्हें गोगात और जब अपने उरूज पर आ जायें यानि नर ज़र्द रंग का और मादा काले रंग की हो जाए तो उन्हें अलजराद कहते हैं
*टिड्डी* - इसकी 6 टांगें होती है 2 आगे 2 बीच में और 2 पीछे की तरफ,इसके आज़ा में 10 जानवरों की शक्ल पाई जाती है इसका चेहरा घोड़े का आँख हाथी की गर्दन बैल की बारह सिंघा के सींग शेर का सीना बिच्छु का पेट गिद्ध के पर ऊँट की रान शुतुरमुर्ग की टाँग और सांप की दुम,ये हमेशा लश्कर की तरह परवाज़ करते हैं इनके आगे इनका सरदार होता है अगर वो उड़ता रहता है तो सब उड़ते हैं अगर वो बैठ जाता है तो सब उतर जाते हैं,इनका लोआब हरियाली के लिए ज़हर है,अगर इनका झुण्ड किसी खेत या खलिहान में उतर गया तो समझो वो पूरा बर्बाद हो गया
*टिड्डी* - ये पाक है और हलाल भी
*टिड्डी* - इसके फवायद में से है कि अगर किसी को रूक रूककर पेशाब आता हो तो टिड्डी को मारकर उसकी धूनी देने से ये मर्ज़ ठीक हो जायेगा,इसी तरह अगर किसी को इस्तस्का का मर्ज़ हो तो टिड्डी का सर और पांव लेकर उसमे दरख़्त रेहान की छाल मिलाकर पीने से इस मर्ज़ से छुटकारा मिल जायेगा,चौथिया बुखार में अगर लंबी गर्दन वाले टिडडे को तावीज़ की शक्ल में पहना जाए तो चौथे दिन बुखार उतर जायेगा,इसी तरह अगर किसी के चेहरे पर छाईयां हो तो टिड्डे के अंडों को चेहरे पर मले तो ये मर्ज़ जाता रहेगा
*टिड्डी* - इसको ख्वाब में देखने की ताबीर ये है कि अगर छोटी टिड्डी को देखा तो किसी शर पसंद इंसान से मुलाक़ात होगी,अगर किसी ने देखा कि टिड्डियों की बारिश हो रही है तो इसके किसी नुक्सान का फायदा हासिल होगा,अगर ये देखा कि टिड्डियों को पकड़ कर किसी मटके में महफूज़ करता है तो उसे दौलत मिलेगी
📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 477-485
*टिड्डी* - जब ये अंडे देने का इरादा करती है तो सख्त और बंजर ज़मीन तलाश करती है कि जहां इंसान का गुज़र न हो फिर ज़मीन में सुराख करके अंडे दे देती है,और अंडे वही पड़े पड़े ज़मीन की गर्मी से ही बच्चे निकाल देती है,बच्चों को अरबी में अलदबी और जब कुछ बड़ी हो जाए और पर निकल आयें तो उन्हें गोगात और जब अपने उरूज पर आ जायें यानि नर ज़र्द रंग का और मादा काले रंग की हो जाए तो उन्हें अलजराद कहते हैं
*टिड्डी* - इसकी 6 टांगें होती है 2 आगे 2 बीच में और 2 पीछे की तरफ,इसके आज़ा में 10 जानवरों की शक्ल पाई जाती है इसका चेहरा घोड़े का आँख हाथी की गर्दन बैल की बारह सिंघा के सींग शेर का सीना बिच्छु का पेट गिद्ध के पर ऊँट की रान शुतुरमुर्ग की टाँग और सांप की दुम,ये हमेशा लश्कर की तरह परवाज़ करते हैं इनके आगे इनका सरदार होता है अगर वो उड़ता रहता है तो सब उड़ते हैं अगर वो बैठ जाता है तो सब उतर जाते हैं,इनका लोआब हरियाली के लिए ज़हर है,अगर इनका झुण्ड किसी खेत या खलिहान में उतर गया तो समझो वो पूरा बर्बाद हो गया
*टिड्डी* - ये पाक है और हलाल भी
*टिड्डी* - इसके फवायद में से है कि अगर किसी को रूक रूककर पेशाब आता हो तो टिड्डी को मारकर उसकी धूनी देने से ये मर्ज़ ठीक हो जायेगा,इसी तरह अगर किसी को इस्तस्का का मर्ज़ हो तो टिड्डी का सर और पांव लेकर उसमे दरख़्त रेहान की छाल मिलाकर पीने से इस मर्ज़ से छुटकारा मिल जायेगा,चौथिया बुखार में अगर लंबी गर्दन वाले टिडडे को तावीज़ की शक्ल में पहना जाए तो चौथे दिन बुखार उतर जायेगा,इसी तरह अगर किसी के चेहरे पर छाईयां हो तो टिड्डे के अंडों को चेहरे पर मले तो ये मर्ज़ जाता रहेगा
*टिड्डी* - इसको ख्वाब में देखने की ताबीर ये है कि अगर छोटी टिड्डी को देखा तो किसी शर पसंद इंसान से मुलाक़ात होगी,अगर किसी ने देखा कि टिड्डियों की बारिश हो रही है तो इसके किसी नुक्सान का फायदा हासिल होगा,अगर ये देखा कि टिड्डियों को पकड़ कर किसी मटके में महफूज़ करता है तो उसे दौलत मिलेगी
📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 477-485
*टिड्डी* - इससे बचाव के लिए कुछ दुआ बताई गयी है उस दुआ के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 👇
https://drive.google.com/file/d/1EUc6gRLriK31UZ-wqAEBTPe37HljCbJ3/view?usp=drivesdk
*Tiddi* - Ise arbi me ALJARAAD aur english me locust kahte hain,iski 2 kism hoti hai ek to dariyayi aur doosri sahrayi,ALLAH Rabbul izzat quran
Neechi aankhen kiye hue qabro se niklenge goya wo Tiddi hain phaili huyi *(Yaani qayamat ke din jab insaan apni apni qabro se baahar aayenge aur zameen par pahilenge to yun lagega jaise ki tiddiyon ka lashkar ho)*
📕 Paara 27,surah qamar,aayat 7
*Tiddi* - Tiddi ALLAH ka lashkar hain aur inke seeno par ye ibaarat likhi huyi hai *NAHNU JUNDALLAAHIL AAZAM* yaani hum ALLAH ka azeem lashkar hain,ek martaba ek tiddi huzoor sallallahu taa'la alaihi wasalalm ki baargah me haazir huyi aur kahti hai ki hum 99 anda dete hain agar 100 ho jayein to poori duniya ko kha jayein,huzoor sallallahu taa'la alaihi wasalalm apne sahaba se farmate hain ki ye ALLAH ka lashkar hain lihaza inhein qatl na karo,matlab ye ki inhein yunhi na maaro haan agar nuksaan pahunchaye to maar sakte hain
*Tiddi* - Maula Ali raziyallahu taala anhu se marwi hai ki huzoor sallallahu taa'la alaihi wasalalm irshaad farmate hain ki ALLAH jab kisi qaum ko aazmayish me mubtela karna chahta hai to tiddiyon ko bhej deta hai,ek martaba hazrate umar farooq raziyallahu taala anhu ke zamane me tiddiyan gaayab ho gayin to aap ghumgeen ho gaye aur unki talaash shuru kar di,bil aakhir unhein kahin se dhoond laaya gaya to aap ko sukoon mila,logon ne jab maajra poochha to farmaya ki ALLAH ne 1000 makhlooq ko paida farmaya hai jinme se 600 dariya me 400 khsuki me aabaad hain magar jab bhi ALLAH kisi makhlooq ko fana karna chahega to pahle tiddiyon ko fana karega phir baaqi makhlooq ko isiliye unke na milne par main ghumgeen hua
*Tiddi* - Jab ye ande dene ka iraada karti hai to sakht aur banjar zameen talaash karti hai ki jahan insaan ka guzar na ho phir zameen me suraakh karke ande de deti hai,aur ande wahi pade pade zameen ki garmi se hi bachche nikaal deti hai,bachcho ko arbi me ALDABI aur jab kuchh badi ho jaaye aur par nikal aayein to unhein GOGAAT aur jab apne urooj par aa jayein yaani nar zard rang ka aur maada kaale rang ki ho jaaye to unhein ALJARAAD kahte hain
*Tiddi* - Iski 6 taangein hoti hai 2 aage 2 beech me aur 2 peechhe ki taraf,iske aaza me 10 jaanwaron ki shakl paayi jaati hai iska chehra ghode ka aankh haathi ki gardan bail ki baarah singha ke seeng sher ka seena bichchhu ka peit giddh ke par oont ki raan shuturmurg ki taang aur saanp ki dum,ye hamesha lashkar ki tarah parwaaz karte hain inke aage inka sardaar hota hai agar wo udta rahta hai to sab udte hain agar wo baith jaata hai to sab utar jaate hain,inka loaab hariyali ke liye zahar hai,agar inka jhund kisi khet ya khilihaan me utar gaya to samjho wo poora barbaad ho gaya
*Tiddi* - Ye paak hai aur halaal bhi
*Tiddi* - Iske fawayad me se hai ki agar kisi ko ruk rukkar peshab aata ho to tiddi ko maarkar uski dhooni dene se ye marz theek ho jayega,isi tarah agar kisi ko istasqa ma marz ho to tiddi ka sar aur paanw lekar usme darakht rehaan ki chaal milakar peene se is marz se chhutkara mil jayega,chauthiya bukhar me agar lambi gardan waale tidde ko taweez ki shakl me pahna jaaye to chauthe din bukhar utar jayega,isi tarah agar kisi ke chehre par chhayian ho to tidde ke ando ko chehre par male to ye marz jaata rahega
*Tiddi* - Isko khwab me dekhne ki tabeer ye hai ki agar chhoti tiddi ko dekha to kisi shar pasand insaan se mulaqaat hogi,agar kisi ne dekha ki tiddiyon ki baarish ho rahi hai to iske kisi nuksaan ka faaydah haasil hoga,agar ye dekha ki tiddiyon ko pakad kar kisi matke me mahfooz karta hai to use daulat milegi
📕 Hayatul Haiwan,jild 1,safah 477-485
*Tiddi* - Isse bachao Ke Liye Kuchh Dua Batai Gayi Hai Us Dua Ke Liye, Niche Diye Gaye Link Par Click Karen 👇
https://drive.google.com/file/d/1EUc6gRLriK31UZ-wqAEBTPe37HljCbJ3/view?usp=drivesdk
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*टिड्डी* - इसे अरबी में अलजराद और इंग्लिश में लोकस्ट कहते हैं,इसकी 2 किस्म होती है एक तो दरियाई और दूसरी सहरायी,अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त क़ुर्आन में इरशाद फरमाता है कि
📕 पारा 27,सूरह क़मर,आयत 7
*टिड्डी* - टिड्डी अल्लाह का लश्कर हैं और इनके सीनों पर ये इबारत लिखी हुई है *नहनू जुंदल्लाहिल आज़म* यानि हम अल्लाह का अज़ीम लशकर हैं,एक मर्तबा एक टिड्डी हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसललम की बारगाह में हाज़िर हुई और कहती है कि हम 99 अंडा देते हैं अगर 100 हो जायें तो पूरी दुनिया को खा जायें,हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसललम अपने सहाबा से फ़रमाते हैं कि ये अल्लाह का लश्कर हैं लिहाज़ा इन्हें क़त्ल न करो,मतलब ये कि इन्हें युंही न मारो हां अगर नुक्सान पहुंचायें तो मार सकते हैं
*टिड्डी* - मौला अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसललम इरशाद फरमाते हैं कि अल्लाह जब किसी कौम को आज़माईश में मुब्तिला करना चाहता है तो टिड्डियों को भेज देता है,एक मर्तबा हज़रते उमर फारूक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के ज़माने में टिड्डियां गायब हो गयीं तो आप ग़मगीन हो गए और उनकी तलाश शुरू कर दी,बिल आखिर उन्हें कहीं से ढूंढ लाया गया तो आप को सुकून मिला,लोगों ने जब माजरा पूछा तो फरमाया कि अल्लाह ने 1000 मख्लूक़ को पैदा फरमाया है जिनमे से 600 दरिया में 400 खुशकी में आबाद हैं मगर जब भी अल्लाह किसी मख्लूक़ को फना करना चाहेगा तो पहले टिड्डियों को फना करेगा फिर बाक़ी मख्लूक़ को इसीलिये उनके न मिलने पर मैं ग़मगीन हुआ कि कहीं उनपर फना का हुक्म तो नहीं आ गया
*टिड्डी* - जब ये अंडे देने का इरादा करती है तो सख्त और बंजर ज़मीन तलाश करती है कि जहां इंसान का गुज़र न हो फिर ज़मीन में सुराख करके अंडे दे देती है,और अंडे वही पड़े पड़े ज़मीन की गर्मी से ही बच्चे निकाल देती है,बच्चों को अरबी में अलदबी और जब कुछ बड़ी हो जाए और पर निकल आयें तो उन्हें गोगात और जब अपने उरूज पर आ जायें यानि नर ज़र्द रंग का और मादा काले रंग की हो जाए तो उन्हें अलजराद कहते हैं
*टिड्डी* - इसकी 6 टांगें होती है 2 आगे 2 बीच में और 2 पीछे की तरफ,इसके आज़ा में 10 जानवरों की शक्ल पाई जाती है इसका चेहरा घोड़े का आँख हाथी की गर्दन बैल की बारह सिंघा के सींग शेर का सीना बिच्छु का पेट गिद्ध के पर ऊँट की रान शुतुरमुर्ग की टाँग और सांप की दुम,ये हमेशा लश्कर की तरह परवाज़ करते हैं इनके आगे इनका सरदार होता है अगर वो उड़ता रहता है तो सब उड़ते हैं अगर वो बैठ जाता है तो सब उतर जाते हैं,इनका लोआब हरियाली के लिए ज़हर है,अगर इनका झुण्ड किसी खेत या खलिहान में उतर गया तो समझो वो पूरा बर्बाद हो गया
*टिड्डी* - ये पाक है और हलाल भी
*टिड्डी* - इसके फवायद में से है कि अगर किसी को रूक रूककर पेशाब आता हो तो टिड्डी को मारकर उसकी धूनी देने से ये मर्ज़ ठीक हो जायेगा,इसी तरह अगर किसी को इस्तस्का का मर्ज़ हो तो टिड्डी का सर और पांव लेकर उसमे दरख़्त रेहान की छाल मिलाकर पीने से इस मर्ज़ से छुटकारा मिल जायेगा,चौथिया बुखार में अगर लंबी गर्दन वाले टिडडे को तावीज़ की शक्ल में पहना जाए तो चौथे दिन बुखार उतर जायेगा,इसी तरह अगर किसी के चेहरे पर छाईयां हो तो टिड्डे के अंडों को चेहरे पर मले तो ये मर्ज़ जाता रहेगा
*टिड्डी* - इसको ख्वाब में देखने की ताबीर ये है कि अगर छोटी टिड्डी को देखा तो किसी शर पसंद इंसान से मुलाक़ात होगी,अगर किसी ने देखा कि टिड्डियों की बारिश हो रही है तो इसके किसी नुक्सान का फायदा हासिल होगा,अगर ये देखा कि टिड्डियों को पकड़ कर किसी मटके में महफूज़ करता है तो उसे दौलत मिलेगी
📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 477-485
*टिड्डी* - जब ये अंडे देने का इरादा करती है तो सख्त और बंजर ज़मीन तलाश करती है कि जहां इंसान का गुज़र न हो फिर ज़मीन में सुराख करके अंडे दे देती है,और अंडे वही पड़े पड़े ज़मीन की गर्मी से ही बच्चे निकाल देती है,बच्चों को अरबी में अलदबी और जब कुछ बड़ी हो जाए और पर निकल आयें तो उन्हें गोगात और जब अपने उरूज पर आ जायें यानि नर ज़र्द रंग का और मादा काले रंग की हो जाए तो उन्हें अलजराद कहते हैं
*टिड्डी* - इसकी 6 टांगें होती है 2 आगे 2 बीच में और 2 पीछे की तरफ,इसके आज़ा में 10 जानवरों की शक्ल पाई जाती है इसका चेहरा घोड़े का आँख हाथी की गर्दन बैल की बारह सिंघा के सींग शेर का सीना बिच्छु का पेट गिद्ध के पर ऊँट की रान शुतुरमुर्ग की टाँग और सांप की दुम,ये हमेशा लश्कर की तरह परवाज़ करते हैं इनके आगे इनका सरदार होता है अगर वो उड़ता रहता है तो सब उड़ते हैं अगर वो बैठ जाता है तो सब उतर जाते हैं,इनका लोआब हरियाली के लिए ज़हर है,अगर इनका झुण्ड किसी खेत या खलिहान में उतर गया तो समझो वो पूरा बर्बाद हो गया
*टिड्डी* - ये पाक है और हलाल भी
*टिड्डी* - इसके फवायद में से है कि अगर किसी को रूक रूककर पेशाब आता हो तो टिड्डी को मारकर उसकी धूनी देने से ये मर्ज़ ठीक हो जायेगा,इसी तरह अगर किसी को इस्तस्का का मर्ज़ हो तो टिड्डी का सर और पांव लेकर उसमे दरख़्त रेहान की छाल मिलाकर पीने से इस मर्ज़ से छुटकारा मिल जायेगा,चौथिया बुखार में अगर लंबी गर्दन वाले टिडडे को तावीज़ की शक्ल में पहना जाए तो चौथे दिन बुखार उतर जायेगा,इसी तरह अगर किसी के चेहरे पर छाईयां हो तो टिड्डे के अंडों को चेहरे पर मले तो ये मर्ज़ जाता रहेगा
*टिड्डी* - इसको ख्वाब में देखने की ताबीर ये है कि अगर छोटी टिड्डी को देखा तो किसी शर पसंद इंसान से मुलाक़ात होगी,अगर किसी ने देखा कि टिड्डियों की बारिश हो रही है तो इसके किसी नुक्सान का फायदा हासिल होगा,अगर ये देखा कि टिड्डियों को पकड़ कर किसी मटके में महफूज़ करता है तो उसे दौलत मिलेगी
📕 हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 477-485
*टिड्डी* - इससे बचाव के लिए कुछ दुआ बताई गयी है उस दुआ के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 👇
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*Tiddi* - Ise arbi me ALJARAAD aur english me locust kahte hain,iski 2 kism hoti hai ek to dariyayi aur doosri sahrayi,ALLAH Rabbul izzat quran
Neechi aankhen kiye hue qabro se niklenge goya wo Tiddi hain phaili huyi *(Yaani qayamat ke din jab insaan apni apni qabro se baahar aayenge aur zameen par pahilenge to yun lagega jaise ki tiddiyon ka lashkar ho)*
📕 Paara 27,surah qamar,aayat 7
*Tiddi* - Tiddi ALLAH ka lashkar hain aur inke seeno par ye ibaarat likhi huyi hai *NAHNU JUNDALLAAHIL AAZAM* yaani hum ALLAH ka azeem lashkar hain,ek martaba ek tiddi huzoor sallallahu taa'la alaihi wasalalm ki baargah me haazir huyi aur kahti hai ki hum 99 anda dete hain agar 100 ho jayein to poori duniya ko kha jayein,huzoor sallallahu taa'la alaihi wasalalm apne sahaba se farmate hain ki ye ALLAH ka lashkar hain lihaza inhein qatl na karo,matlab ye ki inhein yunhi na maaro haan agar nuksaan pahunchaye to maar sakte hain
*Tiddi* - Maula Ali raziyallahu taala anhu se marwi hai ki huzoor sallallahu taa'la alaihi wasalalm irshaad farmate hain ki ALLAH jab kisi qaum ko aazmayish me mubtela karna chahta hai to tiddiyon ko bhej deta hai,ek martaba hazrate umar farooq raziyallahu taala anhu ke zamane me tiddiyan gaayab ho gayin to aap ghumgeen ho gaye aur unki talaash shuru kar di,bil aakhir unhein kahin se dhoond laaya gaya to aap ko sukoon mila,logon ne jab maajra poochha to farmaya ki ALLAH ne 1000 makhlooq ko paida farmaya hai jinme se 600 dariya me 400 khsuki me aabaad hain magar jab bhi ALLAH kisi makhlooq ko fana karna chahega to pahle tiddiyon ko fana karega phir baaqi makhlooq ko isiliye unke na milne par main ghumgeen hua
*Tiddi* - Jab ye ande dene ka iraada karti hai to sakht aur banjar zameen talaash karti hai ki jahan insaan ka guzar na ho phir zameen me suraakh karke ande de deti hai,aur ande wahi pade pade zameen ki garmi se hi bachche nikaal deti hai,bachcho ko arbi me ALDABI aur jab kuchh badi ho jaaye aur par nikal aayein to unhein GOGAAT aur jab apne urooj par aa jayein yaani nar zard rang ka aur maada kaale rang ki ho jaaye to unhein ALJARAAD kahte hain
*Tiddi* - Iski 6 taangein hoti hai 2 aage 2 beech me aur 2 peechhe ki taraf,iske aaza me 10 jaanwaron ki shakl paayi jaati hai iska chehra ghode ka aankh haathi ki gardan bail ki baarah singha ke seeng sher ka seena bichchhu ka peit giddh ke par oont ki raan shuturmurg ki taang aur saanp ki dum,ye hamesha lashkar ki tarah parwaaz karte hain inke aage inka sardaar hota hai agar wo udta rahta hai to sab udte hain agar wo baith jaata hai to sab utar jaate hain,inka loaab hariyali ke liye zahar hai,agar inka jhund kisi khet ya khilihaan me utar gaya to samjho wo poora barbaad ho gaya
*Tiddi* - Ye paak hai aur halaal bhi
*Tiddi* - Iske fawayad me se hai ki agar kisi ko ruk rukkar peshab aata ho to tiddi ko maarkar uski dhooni dene se ye marz theek ho jayega,isi tarah agar kisi ko istasqa ma marz ho to tiddi ka sar aur paanw lekar usme darakht rehaan ki chaal milakar peene se is marz se chhutkara mil jayega,chauthiya bukhar me agar lambi gardan waale tidde ko taweez ki shakl me pahna jaaye to chauthe din bukhar utar jayega,isi tarah agar kisi ke chehre par chhayian ho to tidde ke ando ko chehre par male to ye marz jaata rahega
*Tiddi* - Isko khwab me dekhne ki tabeer ye hai ki agar chhoti tiddi ko dekha to kisi shar pasand insaan se mulaqaat hogi,agar kisi ne dekha ki tiddiyon ki baarish ho rahi hai to iske kisi nuksaan ka faaydah haasil hoga,agar ye dekha ki tiddiyon ko pakad kar kisi matke me mahfooz karta hai to use daulat milegi
📕 Hayatul Haiwan,jild 1,safah 477-485
*Tiddi* - Isse bachao Ke Liye Kuchh Dua Batai Gayi Hai Us Dua Ke Liye, Niche Diye Gaye Link Par Click Karen 👇
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